04 सितंबर दिवस और भारत विश्व इतिहास // 04 September day and India World History

भारत और विश्व इतिहास में 04 सितंबर का अपना ही एक खास महत्व है, क्योकि इस दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज होकर रह गईं हैं। आईये जानते हैं 04 सितंबर की ऐसी ही कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाएँ जिन्हे जानकर आपका सामान्य ज्ञान बढ़ेगा। जो आपके हर परिक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है


04 सितंबर को कौनसा दिवस मनाया जाता है? 

दादाभाई नौरोजी जयंती 

दादाभाई नौरोजी का जन्म 4 सितम्बर 1825 को बम्बई के एक गरीब पारसी परिवार में हुआ था। दादाभाई नौरोजी जब केवल चार साल के थे तब उनके पिता नौरोजी पलांजी डोरडी का देहांत हो गया।उनका पालन-पोषण उनकी माता मनेखबाई द्वारा हुआ जिन्होंने अनपढ़ होने के बावजूद भी यह तय किया कि दादाभाई नौरोजी को यथासंभव सबसे अच्छी अंग्रेजी शिक्षा मिले। एक छात्र के तौर पर दादा भाई नौरोजी गणित और अंग्रेजी में बहुत अच्छे थे। उन्होंने बम्बई के एल्फिंस्टोन इंस्टिट्यूट से अपनी पढाई पूरी की और शिक्षा पूरी होने पर वहीँ पर अध्यापक के तौर पर नियुक्त हो गए। दादा भाई नौरोजी एल्फिंस्टोन इंस्टिट्यूट में मात्र 27 साल की उम्र में गणित और भौतिक शास्त्र के प्राध्यापक बन गए। किसी विद्यालय में प्राध्यापक बनने वाले वो प्रथम भारतीय थे।
दादा भाई नौरोजी

1867 में दादाभाई नौरोजी ने ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना में सहायता भी की जो भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की एक मुख्य संस्था थी जिसका मुख्य उद्देश् ब्रिटिशो के सामने भारतीयो की ताकत को रखना था। बाद में लंदन की एथेनॉलॉजिकल सोसाइटी ने इसे प्रचारविधान संस्था बतलाकर 1866 में भारतीयो की हीनभावना को दर्शाने की कोशिश की। इस संस्था को बाद में प्रसिद्द यूरोपियन लोगो का सहयोग मिला और बाद में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन में ब्रिटिश संसद पर अपना प्रभाव छोड़ना शुरू किया।

1874 में वे बारोदा के प्रधानमंत्री बने और 1885 से 1888 तक मुंबई लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य बने। वे सर सुरेन्द्रनाथ बनर्जी द्वारा कलकत्ता में बॉम्बे के भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व भारतीय राष्ट्रिय एसोसिएशन के सदस्य भी बने। भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रिय एसोसिएशन का एक ही उद्देश था। बाद में इन दोनों को मिलकर INC की स्थापना की गयी, 1886 में नौरोजी की भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। नौरोजी ने 1901 में अपनी किताब “Poverty And Un-British Rule in India” को प्रकाशित किया।


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04 सितंबर भारत विश्व इतिहास 

  • 1609 हेनरी हडसन मैनहट्टन द्वीप की खोज करने वाले पहले यूरोपीय नाविक बने।
  • 1665 मराठा शासक शिवाजी तथा मुगलों के बीच पुरंदर की संधि हुई।
  • 1800 वेल्टाटा में फ्रेंच सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों को आत्मसमर्पण किया, जिन्हें माल्टीज़ के निमंत्रण पर बुलाया गया था। माल्टा और गोजो के द्वीप माल्टा संरक्षक बन गए।
  • 1807 रॉबर्ट मॉरिसन, चीन के लिए पहला प्रोटेस्टेंट मिशनरी, गुआंगज़ौ में पंहुचा।
  • 1825 भारत के महान स्वतंत्रता संग्रामी दादा भाई नौरोजी का मुंबई में जन्म हुआ। इन्हें "भारतीय राजनीति का पितामह" भी कहा जाता है।
  • 1882 महान अमरीकी आविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन द्वारा अविष्कार किए बल्ब का पहली बार न्यूयॉर्क के स्टेशन पर प्रदर्शन किया गया। एडिसन ने 1869 में बल्ब का भी आविष्कार किया।
  • 1884 ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया में न्यू साउथ वेल्स के लिए दंडात्मक परिवहन के आईसीटी नीति को समाप्त किया।
  • 1927 नागपुर के दंगों में 22 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए।
  • 1946 बॉम्बे में मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सड़क पर हिंसा भड़की।
  • 1952 भारतीय फिल्मों के मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर का जन्म मुंबई के चेंबूर में हुआ।
  • 1967 महाराष्ट्र के काेयना बांध के 6.5 तीव्रता वाले भूकंप की चपेट में आने से 200 से ज्यादा लोगाें की मौत हुई।
  • 1969 उत्तरी वियतनाम के राष्ट्रपति एवं राष्ट्रपिता हो ची मिन्ह का निधन हुआ।
  • 1972 सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
  • 1977 गोल्डन ड्रैगन नरसंहार सैन फ्रांसिस्को में हुआ
  • 1981 अमेरिका ने नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया।
  • 1985 समुद्र में डूब गए विशाल आलीशान जहाज टाइटेनिक की 73 सालों के बाद पहली बार तस्वीरें सामने आई थीं।
  • 1998 लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने मिलकर गूगल को कंपनी के रूप में इसे रजिस्टर किया और इसके लिए एक बैंक खाता खोला।
  • 1998 सोवियत संघ के रडार स्टेशन, स्क्रोन्डा -१ को लाटविया में बंद किया गया।
  • 2000 श्रीलंका के उत्तरी जाफना के बाहरी सीमाओं पर श्रीलंका सेना तथा मुक्ति चीते के बीच हुए संघर्ष में 316 लोग मारे गये।
  • 2007 पूर्व ईरानी राष्ट्रपति अकबर हाशमी रफ़संजानी को देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्था का प्रमुख चुना गया।
  • 2009 गुजरात उच्च न्यायालय ने असवंत सिंह की मुहम्मद अली जिन्ना पर लिखी गई किताब पर गुजरात में लगे प्रतिबंध को हटाया।
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